कोई है!
जिस तरफ भी रुख करुं,
हवा साथ देती नही,
जिस डाल कि तरफ बढ़ुँ,
है मुह मोड़ लेती वही,
बढ़ रहा अकेला पन है,
मिलती कोइ संगत नही,
जिसको भी साथ माना ,
छोड़ दूर चला गया वही।।
Monday, August 27, 2007
Thursday, August 23, 2007
Awesome Chameli Song (Jaane - Soul of Chameli)
A must listen to everyone...
भीगी हुई कोइ शाम वो,
महका हुआ कोइ नाम वो,
बिन बात ही होती है नीलाम वो,
मशहूर है फिर भी बदनाम वो,
जाने ...हुआ है आज क्या हमें ना हम...
जाने... क्यूँ हमको याद आये वो.....
अब इस तरह उसको सोचता हूं,
गुजरे हुऐ वो पल रोकता हूं,
वो पल कही् खो गये हैँ जो अपने,
और साथ भी खो गये है जो सपने,
जाने... हुआ हैं आज क्या हमें ना हम,
जाने क्यू हमको याद आये वो......
वो रोशनी वो आग है
या फिर कोइ चिराग है
जिसे धीरे धीरे है जलना
जिसे इस तरह ही है चलना
किसी मोड़ पे वो आज भी
कंडील सी जलेगी
शहर की धूप सी
बेवक्त ही ढलेगी
क्यूँ हमको याऽऽऽऽऽद....
भीगी हुई कोइ शाम वो,
महका हुआ कोइ नाम वो,
बिन बात ही होती है नीलाम वो,
मशहूर है फिर भी बदनाम वो,
जाने ...हुआ है आज क्या हमें ना हम...
जाने... क्यूँ हमको याद आये वो.....
A must listen to everyone...
भीगी हुई कोइ शाम वो,
महका हुआ कोइ नाम वो,
बिन बात ही होती है नीलाम वो,
मशहूर है फिर भी बदनाम वो,
जाने ...हुआ है आज क्या हमें ना हम...
जाने... क्यूँ हमको याद आये वो.....
अब इस तरह उसको सोचता हूं,
गुजरे हुऐ वो पल रोकता हूं,
वो पल कही् खो गये हैँ जो अपने,
और साथ भी खो गये है जो सपने,
जाने... हुआ हैं आज क्या हमें ना हम,
जाने क्यू हमको याद आये वो......
वो रोशनी वो आग है
या फिर कोइ चिराग है
जिसे धीरे धीरे है जलना
जिसे इस तरह ही है चलना
किसी मोड़ पे वो आज भी
कंडील सी जलेगी
शहर की धूप सी
बेवक्त ही ढलेगी
क्यूँ हमको याऽऽऽऽऽद....
भीगी हुई कोइ शाम वो,
महका हुआ कोइ नाम वो,
बिन बात ही होती है नीलाम वो,
मशहूर है फिर भी बदनाम वो,
जाने ...हुआ है आज क्या हमें ना हम...
जाने... क्यूँ हमको याद आये वो.....
Sunday, August 19, 2007
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