कोई है!
जिस तरफ भी रुख करुं,
हवा साथ देती नही,
जिस डाल कि तरफ बढ़ुँ,
है मुह मोड़ लेती वही,
बढ़ रहा अकेला पन है,
मिलती कोइ संगत नही,
जिसको भी साथ माना ,
छोड़ दूर चला गया वही।।
Monday, August 27, 2007
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Deepak's Blog
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1 comment:
kuch tumhe chod gaye..
kuch humein chod gaye...
mud kar to dekha hota..
tum kissi aur ke intezaar mein ..
humein chod gaye...
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